कल रात एक टूटता तारा देखा ⭐
उसे देखते ही खुशी से झूम गई मैं
क्योंकि, आज मेरी इच्छाएं पूरी होने वाली थी,
सब मांग लुंगी मै,
बचपन से सुना है मेने,
टूटता तारा सबकी इच्छा पूरी करता है
आज ही दिखा मुझे टूटता तारा,
जल्दी जल्दी आंखे बंद की और
और मांगने लगी …
आंखे खोलते ही 👀 ??
आज तो इत्तेफाक ही हो गया,
एक और टूटता तारा ⭐⭐
आज तो सच में सारी इच्छाएं पूरी होने वाली है..
मेरी खुशी का तो कोई ठिकाना ही नहीं है आज..
आज तो नींद भी बहुत अच्छी आई मुझे..!!
इंतजार कर रही थी सुबह होने का..
सुबह उठते ही
कुछ हताश हुई मै,
सब वैसा ही था, कुछ नहीं बदला
ना जाने ये मेरा विशवास था या वहम
सुबह उठते ही टूट गया,
क्या कहूं तुझसे अब,
बातें ख़तम सी हो गई है अब !
नादान सी मै, अब समझी कुछ
जो खुद टूट रहा है, वो मुझे क्या देगा,✨
दूर हो रहा जो अपनो से खुद 🌌
वो मेरी क्या इच्छा पूरी करेगा,
ना करू कोई इच्छा , ना कोई इंतजार
देखू जब मैं उसे अब
दिल मेरा उसके लिए ही भर आए..!!

Wonderful
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वाह बहुत खूब, रिंकी। अति सुन्दर पंक्तियां।
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There is great depth and strong message in your write up.
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Thnqq soo much for your appreciation.
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